खुद को पहचानने का नाम ही ज़िंदगी है! खुद को पहचानने का नाम ही ज़िंदगी है!
आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में अटकी जान हूँ। आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में ...
सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं... सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं...
मेरे साथ कुछ भी न था जो देखा पीछे मुड़के। मेरे साथ कुछ भी न था जो देखा पीछे मुड़के।
मैं ही यहाँ-वहाँ हूँ, हाँ मैं तन्हा हूँ...! मैं ही यहाँ-वहाँ हूँ, हाँ मैं तन्हा हूँ...!
ना घर, ना घरवाले बस कागज़ के नोटों से रौशन हूँ मैं...! ना घर, ना घरवाले बस कागज़ के नोटों से रौशन हूँ मैं...!